Wednesday, August 02, 2023

अब के

मुझे पंछी बनाना अब के 
या मछली 
या कली 
और बनाना ही हो आदमी 
तो किसी ऐसे ग्रह पर 
जहाँ यहाँ से बेहतर आदमी हो 
कमी और चाहे जिस तरह की हो 
पारस्परिकता की न हो। 

-भवानीप्रसाद मिश्र 

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